धन्य: अस्मि भारतत्वेन् ।।
(भाग्य है मेरा मैं एक भारतीय हूं)
अत्र जन्म सहस्राणां सहस्रैरपि सत्तम। कदाचिल्लभते जन्तुर्मानुष्यं पुण्यसञ्चयात्॥ अर्थ- हजारों जन्मो के हजारों पुण्यकर्मों के संचय से यहाँ भा...
No comments:
Post a Comment